हितधारकों की बैठक में बच्चों के खाद्य विपणन पर प्रकाश डाला
भारतीय बच्चों के लिए अस्वास्थ्यकर खाद्य विपणन पर ध्यान केंद्रित करने वाली एक हितधारक बैठक प्रगति मैदान नई दिल्ली में राष्ट्रीय विज्ञान केंद्र में हुई। बैठक में भारतीय टीवी चैनलों पर अस्वास्थ्यकर खाद्य विज्ञापनों की चिंताजनक व्यापकता और बच्चों के स्वास्थ्य पर इसके हानिकारक प्रभाव पर चर्चा की गई। टेलर विश्वविद्यालय, मलेशिया के नेतृत्व में और अंतर्राष्ट्रीय विकास अनुसंधान केंद्र कनाडा द्वारा वित्त पोषित इस बहुराष्ट्रीय परियोजना में भारत सहित नौ एशियाई देशों को शामिल किया गया। पंजाब के चितकारा विश्वविद्यालय के डॉ. नवीन कुमार के नेतृत्व में नरेश कुमार शर्मा व अन्य ने भारत में इस परियोजना का नेतृत्व किया। परियोजना के प्रधान अन्वेशक के रूप में उन्होंने भारतीय टीवी मीडिया पर बच्चों को लक्षित करने वाले अस्वास्थ्यकर खाद्य विज्ञापनों के उच्च प्रसार पर प्रकाश डालते हुए निष्कर्ष प्रस्तुत किए।
अध्ययन में इस बात पर प्रकाश डाला गया कि कैसे बच्चे, अपनी अविकसित संज्ञानात्मक क्षमताओं के साथ, इन विज्ञापनों के प्रभाव के प्रति विशेष रूप से संवेदनशील होते हैं। जिससे विज्ञापित उत्पादों की मांग बढ़ जाती है और बच्चों में मोटापे और अन्य गैर.संचारी रोगों में वृद्धि में योगदान होता है। ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, मलेशिया, श्रीलंका, बांग्लादेश और फिलीपींस सहित विभिन्न देशों के विशेषज्ञ निष्कर्षों पर चर्चा करने और मुद्दे के समाधान पर अंतर्दृष्टि साझा करने के लिए इस कार्यक्रम में शामिल हुए। भारत सरकार के नियामक निकायों, शिक्षा जगत और नागरिक समाज के प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया। उन्होंने निष्कर्षों पर अपनी चिंता व्यक्त की और बच्चों के स्वास्थ्य की रक्षा के लिए कार्रवाई की तत्काल आवश्यकता पर जोर दिया। हितधारकों की बैठक में भारतीय बच्चों के लिए अस्वास्थ्यकर खाद्य विपणन से उत्पन्न चुनौतियों का समाधान करने के लिए विभिन्न क्षेत्रों के हितधारकों के बीच सहयोगात्मक प्रयासों के महत्व पर जोर दिया गया। प्रतिभागियों ने बच्चों के स्वास्थ्य पर अस्वास्थ्यकर खाद्य विज्ञापनों के नकारात्मक प्रभाव को कम करने के लिए सख्त नियमों, प्रभावी प्रवर्तन तंत्र और जागरूकता अभियान बढ़ाने की आवश्यकता दोहराई