छोटे-छोटे प्रयास बडे़ बदलाओं के कारक बनते हैं, पृथ्वी दिवस पर कार्यक्रम
सेक्टर 34 गुरूग्राम में स्थित डीपीजी आईटीएम इंजीनियरिंग कॉलेज के प्रांगण में पृथ्वी दिवस के उपलक्ष में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का आयोजन एसोसिएषन ऑफ माइका्रेबायोलॉजिस्ट ऑफ इंडिया एवं एकेडमी ऑफ माइका्रेबायोलॉजिकल साइंसेज के द्वारा स्पांसर किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देष्य पृथ्वी का संरक्षण और पर्यावरण संरक्षण के महत्व पर छात्रों का ज्ञादवर्धन करना था। कार्यक्रम का शुभारंभ ज्ञान की देवी मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलित करके किया गया।
इसी उपलक्ष में टेरी ग्राम का दौरा आयोजित किया गया जिसमें कॉलेज के प्राध्यापक तथा छात्रों ने हिस्सा लिया था। उन्होंने वहां पर्यावरण संरक्षण और हरित भवन के क्षेत्र में काफी जानकारी हासिल की। कुल मिलाकर प्राध्यापकों तथा छात्रों की पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ी और भविष्य में पर्यावरण के क्षेत्र में योगदान करने की प्रेरणा भी मिली।
कॉलेज के डायरेक्टर प्रो. रमेशचंद्र कुहाड़ ने प्रकृति के संरक्षण का महत्व समझाते हुए बताया कि मानव-जीवन में पृथ्वी के संरक्षण का कितना योगदान है। धरती को माता के रूप में पूजने का कारण बताते हुए उन्होंने कहा कि पृथ्वी एक माता की तरह हमारी हर आवश्यकता की पूर्ति करती है। हमें पृथ्वी तथा पर्यावरण की सुरक्षा पर अत्याधिक ध्यान केंद्रित करने की आवष्यकता है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण जब तक सुरक्षित है तभी तक हम सब का जीवन सुरक्षित है।
इसी श्रृंखला में पृथ्वी दिवस समारोह के मुख्य अतिथि प्रोफेसर राधेश्याम शर्मा जो की दिल्ली विश्वविद्यालय में पर्यावरण विज्ञान के जाने-माने शिक्षाविद एवं शोधकर्ता हैंं। उन्होंने उपस्थित लोगों से कहा कि हमें पृथ्वी के संरक्षण के लिए यदि बहुत बड़ा नहीं तो छोटा-छोटा योगदान देना चाहिए। सभी को पर्यावरण को शुद्ध करने के लिए एक संकल्प के साथ अपना दायित्व निभाना चाहिए। छोटे प्रयास से ही हम सभी अपने क्षेत्र में पर्यावरण एवं पृथ्वी को अच्छी स्थिति में ला सकते हैं। श्री षर्मा जी ने बताया कि हम विज्ञान एवं विज्ञान के उपकरणों की सहायता से एक लंबा जीवन तो जी सकते हैं किंतु एक अच्छा संतुलित जीवन जीने के लिए हमें अच्छे पर्यावरण की अति आवश्यकता है और एक अच्छे पर्यावरण के लिए इस धरती को दूशित होने से बचाने की आवष्यकता है।
कॉलेज की एमडी डॉ. प्रीति गहलोत ने कहा कि पृथ्वी दिवस हमें याद दिलाता है कि पृथ्वी और पृथ्वी का पर्यावरण हमारे लिए कितना महत्वपूर्ण है और यह हमारा कर्तव्य है कि हम इसकी रक्षण और संरक्षण दोनों करें। उन्होंने हमारे जीवन में पृथ्वी के योगदान के बारे में चर्चा की और हम सबको अवगत कराया कि पृथ्वी से हमें जल, अन्न और वायु जो हम सब के लिए जीवन दायिनी है हमें साफ सुथरी स्थिति में चाहिए ताकि हम इनका सही ढंग से उपयोग करें।
इसी श्रृंखला में जीवन को मिट्टी से जोड़ने के लिए छात्रों और शिक्षकों ने मिट्टी के बर्तन बनाने की गतिविधि में भाग लिया। मिट्टी के बर्तन बनाने का विशेष कार्यक्रम बेहद रूचिपूर्ण रहा। कच्ची मिट्टी के अनेक प्रकार के बर्तन बनाने के लिए कुंभकार के चाक का इस्तेमाल किया गया जो शिक्षकों एवं विद्यार्थियों के लिए एक अनोखा अनुभव रहा।
इस कार्यक्रम के दौरान उन छात्र-छात्राओं को प्रशंसा पत्र भी दिए गए जिन्होंने पर्यावरण के उपलक्ष में अपनी कला का प्रदर्शन किया। विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करने हेतु कॉलेज की एमडी डॉ गहलोत जी ने अपने कर कमलों द्वारा प्रशंसा पत्र प्रदान किया।
कार्यक्रम के अंत में कॉलेज के रजिस्ट्रार श्री टी.आर नरूला ने सभी आयोजकों का तथा प्रबंधन कमेटी का आभार व्यक्त किया उन्होंने छात्र-छात्राओं से पर्यावरण के उपलक्ष में सृजनात्मक जिम्मेदारी का निर्वाह करने की अपील की थी। उन्होंने विशेष रूप से डॉ रिमी सिंह का आभार प्रकट किया जिन्होंने इस कार्यक्रम को बखूबी से संचालित किया। इस कार्यक्रम में डॉ भावना, मिस रश्मि वर्मा, मिस वंदना कौशिक, मिस नेहा शर्मा, श्री सागर पारुथी, मिस स्मृति द्विवेदी आदि ने सहयोग किया।