रामायण कालीन स्थलों के दर्शन करने श्रीलंका जाएगा 108 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल
-26 मई से 01 जून 2024 के बीच किया जाएगा आयोजन
नई दिल्ली। पिछले आठ वर्षों की भांति इस वर्ष भी रामायण कालीन स्थलों के दर्शन करने के लिए भारत से 108 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल श्रीलंका जाएगा। अंतरराष्ट्रीय रामलीला महोत्सव एसोसिएशन के अध्यक्ष और दिल्ली भाजपा शिक्षक प्रकोष्ठ के प्रभारी डॉ. वेद टंडन ने शनिवार को नई दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस में जानकारी देते हुए बताया कि श्रद्धेय श्री अजय भाई के सानिध्य में 26 मई से 01 जून 2024 के बीच श्रीलंका यात्रा का आयोजन किया गया है। इस यात्रा में प्रतिनिधिमंडल रामायण कालिन स्थलों के दर्शन करने के साथ-साथ अशोक वाटिका और अन्य स्थलों का अवलोकन करेगा। इस अवसर पर भाजपा दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा, राष्ट्र मंदिर, विश्व रामायण आश्रम के संस्थापक श्रद्धेय श्री अजय भाई प्रदेश अध्यक्ष, अंतरराष्ट्रीय रामलीला महोत्सव एसोसिएशन के कार्यकारी चेयरमैन शक्ति बक्शी आदि सदस्य मौजूद रहे।
इस मौके पर अजय भाई ने बताया कि आज भी श्रीलंका में रामायण कालीन ऐतिहासिक स्थान हैं जिनमें प्रमुख है विभीषण टेंपल, कलानिया जहां विभीषण का राज्याभिषेक हुआ था, सीता जी द्वारा स्थापित विश्व का एकमात्र मुनेश्वर शिवलिंगम, राम वोडा मंदिर जहां पर हनुमान जी का श्रीलंका में अवतरण हुआ था, यह यात्रा का प्रमुख केंद्रीय दर्शनीय स्थान है। वहीं भाजपा दिल्ली अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि वास्तव में श्रीलंका यात्रा का यह कार्य भारत की संस्कृति को विश्व में भर में जागृत करने का कार्य है और इस यात्रा के लिए उन्हें अपनी शुभकामनाएं दी।
यात्रा प्रमुख संजय राणा ने बताया किसी यात्रा में भारत के अनेक शोधार्थी तथा गणमान्य व्यक्ति भाग ले रहे हैं यात्रा 26 मई 2024 से प्रारंभ होकर 1 जून 2024 को विश्राम होगी जिसके अंदर श्रीलंका में विभिन्न स्थानों पर विभिन्न मंदिरों का दर्शन किया जाएगा।
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श्रीलंका में सीता नवमी महोत्सव का होगा आयोजनः डॉ. टंडन
डॉ. वेद टंडन ने बताया कि श्रीलंका जाने वाले 108 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल में साधु-संत, ज्यूडिशियल, ब्यूरोक्रेट्स, शिक्षाविद के अलावा धार्मिक संस्था से जुड़े लोग शामिल होंगे। श्रीलंका की यह यात्रा अपनी संस्कृति व भगवान श्री राम को जानने की यात्रा है, विगत वर्षों से श्रीलंका में सीता नवमी महोत्सव का भी आयोजन किया जा रहा है। इस यात्रा में श्रीलंका सरकार के कई मंत्री भाग लेते हैं व कोलंबो में विशेष रामलीला का भी आयोजन किया जाता है भविष्य में अंतरराष्ट्रीय रामलीला महोत्सव समिति विदेश में भी इसी प्रकार की सांस्कृतिक कार्य करेगी।