अंदर क्या है... बाहर क्या है.., यह पब्लिक है, सब जानती है...
क्या सब साथ-साथ है?
रेवाड़ी, (पवन कुमार) I लोकसभा चुनाव को मात्र 15 दिन शेष रह गये है एक तरफ भाजपा प्रत्याशी राव इंद्रजीत सिंह का चुनाव प्रचार केवल अपने दम पर नियमित रूप से चल रहा है,वहीं दूसरी तरफ राव इंद्रजीत से खफा असंतुष्ट भाजपाइयों का समूह है,वो और कहीं नहीं तो कम से कम रेवाड़ी विधानसभा में तो राव इंद्रजीत को भारी नुकसान पहुँचा सकता है I रेवाड़ी के बाजार में चुनाव को देखते हुए ख़ामोशी ही नजर आई,मानो बाजार की चुनाव में कोई रूचि नहीं I इसी ख़ामोशी को तोड़ने के लिए स्थानीय मोती चौक पर आज विजय संकल्प रैली का आयोजन किया गया जिसमें भाजपा लोकसभा प्रत्याशी राव इंद्रजीत सिंह तो मंच पर नज़र नहीं आये, परन्तु पूर्व मुख्यमंत्री मनाेहर लाल खट्टर बतौर मुख्य अति शामिल हुए, स्वामी धर्मदेव भी स्थानीय नेताओं के अलावा शामिल थे I रेवाड़ी बाजार के लोग किसी नेता कि बात सुनने के अलावा यह देखने पहुँचे की मंच पर कौन-कौन है ?
एक तरह पिछले विधानसभा चुनाव के दो कट्टर विरोधी असली-नकली भाजपा के उम्मीदवार रणधीर कापड़ीवास और सुनील मूसेपुर कुर्सी से कुर्सी स्टाये बैठे थे,वहीं दूसरे कोने में पिछला विधानसभा लड़ने से वंचित आपसी विरोधी सतीश खोला और सतीश प्रधान बैठे नज़र आये I पीछे प्रसन्न मुद्रा में बैठे थे सदाबहार युवानेता प्रशांत सन्नी I इसके अलावा भाजपा जिला अध्यक्ष प्रीतम चौहान, इस विजय संकल्प रैली के आयोजक हरियाणा टूरिज्म के चेयरमैन अरविंद यादव जिनके कारण भाजपा में आपसी टकराओ की स्थिति पैदा हो गई,मुकेश कापड़ीवास,दीपक मंगला, रत्नेश बंसल, वंदना पोप्पली मंच पर विराजमान थे I कुल मिलाकर यही कहा जा सकता है पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को आगे कर भाजपा के तमाम स्थानीय नाराज नेताओं को एक मंच पर लाकर भाजपा ने पार्टी एकता का परिचय देने का प्रयास किया है,आगे यह तो समय ही बताएगा कि राव इंद्रजीत सिंह के प्रचार में कितने शामिल हो पाते है या नहीं I सही मायने में कहा जाये तो स्वयं पूर्व मुख्यमंत्री भी अंदुरुनी रूप से राव इंद्रजीत से संतुष्ट नहीं I मंच पर बैठे राव इंद्रजीत से असंतुष्ट सभी के चहरे पर पिछली घटनाओ का दर्द साफ नज़र आ रहा था, रणधीर कापड़ीवास ने जहां सुनील मूसेपुर की जम कर खिलाफत की थी,
इस रैली में सुनील मूसेपुर के नजदीक बैठे नज़र आये, उनके ना तो दिल मिल रहे थे और ना ही उनकी नज़रे I सुनील मूसेपुर के चेहरे पर भी मायूसी थी, यह सोच कर इस बार उनको भाजपा की टिकट दिलाने में राव इंद्रजीत कि कोई भूमिका नहीं रहेगी I राव इंद्रजीत के सहारे कुछ नये उम्मीदवार भी टिकट की आस लगाये बैठे है, जिनमें से अनिल रायपुर ,अजय पटोदा, राजबीर यादव I अब बात करते है दूसरे कोने की I दूसरे कोने में भी ऐसा ही नजारा था I सतीश खोला-सतीश प्रधान लगभग एक साथ बैठे थे I थोड़ा बोलने की उनकी मज़बूरी थी I कुल मिलाकर मंच पर यह देखा जा रहा था कि हम राव इंद्रजीत से शक़्त नाराज़ है,पर पार्टी के कारण हम साथ-साथ है I अब देखना यह है कि राव इंद्रजीत के लिए प्रचार में कौन-कौन उतरता है I अगर राव इंद्रजीत कांग्रेसी उम्मीदवार राज बब्बर से पचास हज़ार वोट से ज्यादा नही लिए तो राव साहब को यह समझ लेना चाहिए कि उनके दिए हुए जख्म अभी भरे नहीं है I रेवाड़ी विधानसभा से भाजपा टिकट के दावेदारों की लिस्ट भी लम्बी है और सब के सब दावेदार महत्त्वकांशी है और अपनी महत्वकांशा के कारण 2024 के विधानसभा चुनाव में एक जुट नहीं रह पायेंगे I फिलहाल दावेदारों में मुकेश कापड़ीवास,सतीश प्रधान,सतीश खोला, अरविंद यादव,प्रशांत सन्नी,सुनील मूसेपुर,अनिल रायपुर,आरती राव,राजबीर यादव,डॉक्टर अरविंद यादव,वंदना पोप्पली और अगर आरती राव ने कोसली का रुख किया तो लक्ष्मण यादव भी रेवाड़ी से भाजपा टिकट के दावेदार हो सकते है I अब यह भाजपा हाई कमान को देखना है कि बिना दूसरे उम्मीदवार को नाराज़ किये किसी एक टिकट कैसे देती है I
पवन कुमार