बिल्डर के लाइसेंस रद्द, रजिस्ट्री पर रोक, फिर भी धड़ल्ले से हो रहा निर्माण

 


गुरुग्राम : लगभग 6000 करोड़ रुपए की लागत से बन रहे दो प्रोजेक्ट फ़िलहाल संकट में हैं गुरुग्राम सेक्टर 43 स्थित विपुल लिमिटेड एवं सेक्टर 18 स्थित ट्यूलिप इंफ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड के लाइसेंस रद्द हो गये हैं। बावजूद इसके इन साइटों पर काम धड़ल्ले से चल रहा है। साईट पर केवल काम ही नहीं किया जा रहा बल्कि बिल्डरों द्वारा फ़्लैटों की बुकिंग भी की जा रही है, जो सरासर नियमों के ख़िलाफ़ है।


निदेशक, नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग हरियाणा के जारी आदेशों के बाद नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग गुरुग्राम के सीनियर टाउन प्लानर की तरफ़ से 9 मई 2024 को पत्र जारी कर इन कंपनियों को इस बाबत सूचित भी किया गया है कि विपुल लिमिटेड का लाइसेंस नंबर 168 & 172 जोकि 16 दिसंबर 2004 एवं ट्यूलिप इंफ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड का लाइसेंस नंबर 545-546 जो 19.244 एकड़ में बनने वाली ग्रुप हाउसिंग कॉलोनी के लिये 13 मार्च 2006 को लिया गया था, हरियाणा शहरी क्षेत्र विकास विनिमय अधिनियम 1975 के सेक्शन 3(3A) के तहत रद्द कर दिया गया है इस मामले में शिकायत करता अखिल सुरेखा  का आरोप है कि लाइसेंस रद्द होने के बावजूद इन साइट्स पर धड़ल्ले से काम चल रहा है और फ़्लैटों की बिक्री की जा रही है। नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग गुरुग्राम द्वारा संशोधित भवन योजनाओं को निरस्त करने और लाभकारी हित में परिवर्तन के संबंध में इन कम्पनियो को नोटिस भी जारी किया गया है। पत्र में स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि जब तक इस मामले में अंतिम निर्णय नहीं आ जाता न तो इन साइट्स पर कोई निर्माण किया जाएगा और न ही तीसरी पार्टी के अधिकारों का निर्माण इस परियोजना में किया जाएगा। आदेशों के सख़्त अनुपालन के लिए भी कहा गया है।



आरोप है कि गुरुग्राम नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग के 9 मई 2024 को जारी सख़्त आदेशों के बावजूद सेक्टर 53 स्थित 19.244 एकड़ में बन रही इस साईट पर काम नहीं रुका है  और फ़्लैटों की बिक्री भी लगातार की जा रही है। नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग हरियाणा के निदेशक के पत्र क्रमांक 1336-37 दिनांक 1.5.2024 को जारी आदेशों के बाद सीनियर टाउन प्लानर गुरुग्राम ने इस पर संज्ञान लिया और पत्र जारी कर इस परियोजना को तुरंत बंद कर रद्द करने के आदेश जारी किए। एसटीपी द्वारा आदेश तो जारी कर दिये गये, लेकिन आदेशों की अनुपालना सुनिश्चित करना भी नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग गुरुग्राम का ही काम है। आदेशों के बावजूद साइट्स पर निरंतर कार्य किया जाना और फ़्लैटों की लगातार बिक्री दर्शाता है कि विभाग केवल ख़ानापूर्ति के लिए आदेश जारी कर रहा है, धरातल पर इन आदेशों की अनुपालन कराने में कोई इंटरेस्ट नहीं है।

नारायण राजकुमार मर्चेंट्स लिमिटेड व अन्य द्वारा इस संदर्भ में नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग में शिकायत दी गई। शिकायत के अनुसार कॉलोनाइजर विपुल लिमिटेड ने 13 अप्रैल 2022 को संशोधित भवन योजनाओं की स्वीकृति प्राप्त की और बाद में अपने 7 आवंटियों से आपत्ति, सुझावों एवं एनओसी का पता लगाये बिना ट्यूलिप इंफ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड के पक्ष में लाभकारी हित में परिवर्तन के लिए 28 मार्च 2022 को अनुमति प्राप्त की। इसके अलावा विपुल लिमिटेड ने यह भी पुष्टि नहीं की, कि सभी 7 आवंटियों को उनके 10 अप्रैल 2017 के पत्र के माध्यम से भवन योजनाओं में संशोधन के लिये सूचित किया गया था। वर्तमान में वे उनके आवंटी नहीं है और सार्वजनिक नोटिस 8 अक्तूबर 2021 के लिए केवल बिहारी जी इस्पात उद्योग लिमिटेड को ही सूचित क्यों किया गया। इसमें 25 जनवरी 2021 की नीति का उल्लंघन किया गया और ट्यूलिप इंफ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड के नाम पर बीआईपी की अनुमति देने के लिए 28 अक्तूबर 2022 को दी गई सैद्धांतिक मंज़ूरी और साथ ही आपके वचन का भी उल्लंघन है, जिसमें आपने 13 जनवरी 2022 को सभी आबंटियों को उपरोक्त संसोधन के बारे में सूचित करने की बात कही थी। इस सबके बावजूद कॉलोनाइजर को शिकायतों का निपटारा करने या फिर शिकायतकर्ताओं से 30 दिन के अंदर एनओसी लेने के लिए कहा गया था, लेकिन कॉलोनाइजर इसमें विफल रहा। जिसके चलते नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग हरियाणा ने विपुल लिमिटेड का लाइसेंस नंबर 168 & 172 एवं ट्यूलिप इंफ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड का लाइसेंस नंबर 545-546 रद्द कर दिया। निदेशक, नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग हरियाणा की तरफ़ से ज़िला उपायुक्त गुरुग्राम को अगले आदेश तक उपरोक्त लाइसेंस का हिस्सा बनने वाले भूमि पार्सल के संबंध में किसी भी तीसरे पक्ष के अधिकारों के निर्माण की अनुमति न देने का आग्रह किया गया।
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