वर्ल्ड ब्लड डोनर डे: रक्तदान के जरिए आप बचा सकते हैं बहुत जरूरतमंद लोगों की जान
गुरुग्राम, 14 जून 2024- दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी आबादी होने के बावजूद भारत में हर साल 20 लाख यूनिट ब्लड की कमी रह जाती है. ये जानकर हैरानी होगी कि भारत में सिर्फ एक फीसदी लोग ही खून का दान करते हैं जिसके कारण डिमांड मौजूदा सप्लाई से दोगुना है.
डब्ल्यूएचओ के अनुसार, भारत को 2017 में 6 करोड़ यूनिट ब्लड की आवश्यकता थी, लेकिन उसका केवल आधा ही उपलब्ध था. गंभीर परिस्थितियों के दौरान, भारत में कई ब्लड बैंक पर्याप्त रक्तप्रदान करने के लिए संघर्ष करते हैं. यह अनुमान लगाया गया है कि अगर मौजूदा डोनर्स के अलावा देश की आबादी के सिर्फ 1% लोग भी स्वेच्छा से ब्लड डोनेट कर दें, तो आपूर्तिकी कमी पूरी तरह से खत्म किया जासकता है.
*डॉ. मीत कुमार, क्लिनिकल डायरेक्टर - हेमेटोलॉजी और बोन मैरो ट्रांसप्लांट, मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल, गुरुग्राम* बताते है की, भारत में, हर दो सेकंड में एक रक्तदान की आवश्यकता होती है, जिसमें हर दिन लगभग 40,000 डोनर्स की जरूरत होती है. 2016 में, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने 10.9 मिलियन यूनिट रक्तदान की सूचना दीथी, जबकि इस दौरान 12 मिलियन यूनिट की जरूरत थी.अस्पतालों में सबसे ज्यादा मांग ओ ब्लड ग्रुप की रहती है. सड़क हादसे में घायल कि सीएक पीड़ित को ही 100 यूनिटसे ज्यादा खून की जरूरत होती है. इसके अलावा,हर 10 लाख से ज्यादा कैंसर मरीज डायग्नोज होते हैं, जिनके लिए भी रोजब्लड डोनेशन या कीमोथेरेपी के दौरान ब्लड की जरूरत पड़ती है.
ब्लड डोनेट करने से पहले क्या सावधानी बरतें
जो लोग ब्लड डोनेट करने जा रहे होंवो ये सुनिश्चित करें कि उन्होंने अच्छे से खाना खाया हुआ हो. खासकर, ऐसे फूड आइटम जिसमें आयरन ज्यादा हो जैसे पालक,मछली, मांस, मुर्गी और सेम. ज्यादा पानी और तरल पदार्थों का सेवन करें. चाय और कॉफी जैसे कैफीन युक्त पेय से बचें.
कौन कर सकता है ब्लड डोनेट?
जिस व्यक्ति को खून से संबंधित कोई बीमारी नहो और वो क्रोनिकडिजीज से भी पीड़ित न हो, स्वस्थ हो,ऐसा कोई भी व्यक्ति ब्लड डोनेट कर सकता है.लगातार ब्लड चेकअप करानेसे ये पता लगाया जा सकता है कि कोई शख्स ब्लड डोनेट करने के लिए पात्र है या नहीं. जो लोग स्वस्थ होते हैं, उन्हेंभी डॉक्टर साल में कम से कम एक बार रूटीन ब्लड टेस्ट की सलाह देते हैं. लगातार स्वास्थ्य जांच कराने से बॉडी की कंडीशन और उसमें हो रहे बदला वके बारे में पता चल जाता है, और इससे कुछ समस्या सामने आने पर समय पर इलाज भी कराना संभव हो जाता है.
किसे नहीं डोनेट करना चाहिए ब्लड?
कुछ लोगों को ऐसी बीमारी होती हैं जो खून के जरिए फैलती हैं, ऐसे लोगों को ब्लड डोनेट करने से मना किया जाता है. इनमें एचआईवी संक्रमित लोग होते हैं,जिन लोगों को ब्लड क्लॉटिंग की समस्या हो, जिन लोगों को कोई हार्ट प्रॉब्लम हो या हाल में किसी हार्ट सर्जरी से गुजरे हों. इनके अलावा अगर किसी ने हाल ही में टैटू अपने शरीर पर गुदवाया हो, उन्हें खुद ब्लड चढ़ाया गया हो, कैंसर केलिए कीमोथेरेपी या रेडिएशन थेरेपी ली हो, एनीमिया से संक्रमित हो, हाल ही में मलेरिया रहा हो, डेंगूया चिकनगुनिया रहा हो या वो ड्रग्स का सेवन करते हों, ऐसे तमाम लोगों को ब्लड डोनेट करने से मना किया जाता है.
रक्तदान करना एक सुरक्षित प्रक्रिया है जहां हर डोनरके लिए एक नई सुई का उपयोग किया जाता है और उपयोग के बाद उसे फेंकदिया जाता है. रक्तदान में चार स्टेज होते हैं: रजिस्ट्रेशन, मेडिकल हिस्ट्री की समीक्षा, रक्तदान और जलपान. संक्रमण के रिस्क को कम करने के लिए मेडिकल टीम के लोगसभी आवश्यक सावधानी बरतते हैं. आमतौर पर, लगभग 300 से 400 एमएल खून वापसले लिया जाता है,और आमतौर पर शरीर से निकाले गए रक्त की मात्रा शरीर में फिरसे पूरी करने में 24-48 घंटे लगते हैं. लालरक्त कोशिकाओं (आरबीसी) को 4 से 6 सप्ताह के अंदर भर दिया जाता है.