भागवत कथा से धर्म के मार्ग का अनुसरण करने की शिक्षा मिलती है : आचार्य कौशल किशोर
भक्ति और भाव से भरी है श्रीमद् भागवत कथा: डॉ मुकेश शर्मा
गुरुग्राम: सिलोखरा गांव के सभी नागरिकों और श्रद्धालुओं के सहयोग से पंडित बदलू राम धर्मशाला मोती विहार सिलोखरा स्थित रामकृष्ण मंदिर में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ सप्ताह का समापन शनिवार को हवन पूजन और विशाल भंडारे के साथ किया गया। उक्त जानकारी देते हुए प्रमुख समाजसेवी एवं वरिष्ठ अधिवक्ता डॉ मुकेश शर्मा ने बताया कि भागवत कथा के दौरान कथावाचक आचार्य कौशल किशोर जी वृंदावन ने भक्तों के बीच भगवान कृष्ण के अवतार से लेकर बाल लीलाओं और श्री कृष्ण रुक्मिणी विवाह सहित भगवान के अनेकों अद्भुत लीलाओं का वर्णन किया। आचार्य कौशल किशोर ने कथा के दौरान भक्तों को बताया कि भागवत कथा से धर्म के मार्ग का अनुसरण करने की शिक्षा मिलती है। डॉ मुकेश शर्मा ने कहा कि श्रीमद् भागवत कथा भक्ति और भाव से भरी है। भागवत कथा से हमें सीख मिलती है कि ईश्वर ने अपने अवतार में जहां भक्तों का साथ दिया, उनका कल्याण किया वहीं ईश्वर ने धर्म का मार्ग प्रशस्त किया। भगवान कृष्ण ने अधर्मियों और दुराचारियों का अंत धरती को पाप मुक्त किया। डॉ मुकेश शर्मा ने कहा कि भगवान श्री कृष्ण की लीलाओं में प्रेम भाव भी समाहित है। रुक्मिणी की प्रेम भावना को देखते हुए भगवान ने कितनी बड़ी योजना और युद्ध का आमंत्रण स्वीकार कर उनकी प्रेम रूपी भक्ति की भावना को सम्मान दिया। इससे शिक्षा प्राप्त होती है कि पति और पत्नी दोनों को अपने जीवन को सुखमय बनाने के लिए भगवान कृष्ण और रुक्मिणी जैसे समर्पित प्रेम भावना को प्रदर्शित करना चाहिए। डॉ मुकेश शर्मा ने कहा कि भगवान श्री कृष्ण की लीलाएं मार्गदर्शक हैं। हमें धर्म कर्म के मार्ग पर चलते हुए भागवत कथा का मार्गदर्शन प्राप्त करना चाहिए। उन्होंने कहा कि भागवत कथा में सातों दिन, सिलोखरा, साउथ सिटी वन मोती विहार के साथ आसपास के क्षेत्र के काफी संख्या में महिला और पुरुष शामिल हुए। कथा के सफल आयोजन में क्षेत्र के नागरिकों का पूर्ण सहयोग प्राप्त हुआ।