बरसात ने खोली प्रशासन की पोल। गुरिंदरजीत सिंह
मुख्यमंत्री और सभी अधिकारियों के दावे निकले खोखले। गुरिंदरजीत सिंह
गुरुग्राम के सांसद और विधायक की प्राथमिक जिम्मेवारी बनती है, पर दोनो गायब। गुरिंदरजीत सिंह
गुरुग्राम में बरसात से जलभराव, जगह जगह जाम। लोग परेशान। गुरिंदरजीत सिंह
गुरुग्राम : गुरुग्राम के समाजसेवी इंजीनियर गुरिंदरजीत सिंह ने बताया कि आज फ़िर बारिश ने गुरुग्राम शासन प्रशासन की पोल खोल दी। चंद घंटो की बारिश में पुरा गुरुग्राम डूब गया।
उन्होंने कहा कि आज की बरसात में देखिए गुरुग्राम के हालात। आज गुरुग्राम का कोई भी इलाका हो चाहे वे पुरानी दिल्ली रोड, ग्रीनवुड सिटी, साउथ सिटी एक, साउथ सिटी दो, सूरत नगर, अर्जुन नगर, सेक्टर 15 के पार्ट दो, सेक्टर-27, 28, 31, सेक्टर-44, 45-46, डीएलएफ, सेक्टर-55, 56, सुशांत लोक-2 और 3, मारुति कुंज, खांडसा रोड, शिवजी पार्क, सेक्टर-82 स्थित वाटिका सिग्नेचर विला की मुख्य सड़क, हीरो होंडा चौक, नेशनल हाईवे आदि की मुख्य सड़कों पर जलभराव की स्थिति बन गई, जिस वजह से लोगों को असुविधाओं का सामना करना पड़ा। जगह जगह घंटो का जाम लगा।
उन्होंने बताया कि करोड़ों खर्च के बाद भी खत्म गुरुग्राम जलभराव की समस्या खत्म नही हो रही।
स्थिति से निपटने के लिए 17 एचसीएस, 3 चंडीगढ़ से स्पेशल अफसर, 3 सैकेटरी, मंडल आयुक्त, उपआयुक्त, खुद मुख्यमंत्री सब ने मीटिंग की थी। और दावे किए कि ड्रैन् सफाई का काम हो चुका है, और बरसातो में जलभराव से निपटने के लिए पुख्ता इंतजाम कर लिए है। पर सब खोखले दावे निकले। अगर सरकार और अधिकारियों ने सफाई पर करोडो खर्चे है तो कही न कही तो कोई घोटाला हो रहा है, जो धरताल पर काम नही हो रहा। जिस की उच्च स्तरीय कमेटी बनवा कर जाँच होनी चाहिए।
साथ ही उन्होंने गुरुग्राम के सांसद और विधायक के कार्य पर सवाल उठाये। उन्होंने कहा कि ऐसे हालात में गुरुग्राम के सांसद और विधायक की प्राथमिक जिम्मेवारी बनती है, आज वे दोनो ही गायब दिख रहे है। आज जो स्थिति बनी है कोई एक पल में तो बनी नही। आज की स्थिति बताती है कि पिछले कई सालों से गुरुग्राम के विधायक और सांसद दोनों ने गुरुग्राम के प्रति अपनी ज़िम्मेदारी ईमानदारी से नही निभाई। उन्होंने सिर्फ सत्ता भोगने का काम किया है। अगर समय रहते वे अपना अपना काम करते तो, आज गुरुग्राम के ऐसे हालात न होते।
उन्होंने कहा कि हम सबको मिलकर के गुरुग्राम के हालात बदलने है। हमे निक्कमी बीजेपी सरकार और नेताओ को सत्ता से उतार, ऐसे जनप्रतिनिधि को चुनना है जो जनता के दुख दर्द और उनकी जरूरतों को समझे और जनता को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाए और जनता की जायज मांगो को पुरा करवाए।