गुरुग्राम में शहरी बाढ़ को कम करने के लिए एक व्यापक विकास योजना बनाएंः जीएमडीए के मुख्य कार्यकारी अधिकारी

गुरुग्राम में शहरी बाढ़ को कम करने के लिए एक व्यापक विकास योजना बनाएंः जीएमडीए के मुख्य कार्यकारी अधिकारी

- जीएमडीए के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने एक अंतर-विभागीय बैठक की अध्यक्षता की और मानसून के दौरान जलभराव की समस्या को दूर करने के लिए प्रमुख निर्देश जारी किए


- सभी संबंधित स्थानीय विभाग द्वारा दीर्घकालिक बुनियादी ढांचा विकास योजना और उपचारात्मक कार्यनीतियों को समन्वित तरीके से लागू किया जाना चाहिए


गुरुग्राम: गुरुग्राम महानगर विकास प्राधिकरण (जीएमडीए) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री ए. श्रीनिवास ने आज जीएमडीए कार्यालय में उन्होंने मानसून के दौरान जलभराव की समस्या के समाधान के लिए एक व्यापक और दीर्घकालिक समग्र विकास योजना पर विचार-विमर्श करने के लिए एक अंतर-विभागीय बैठक बुलाई। इस बैठक में नगर निगम मानेसर (एमसीएम) के आयुक्त श्री अशोक गर्ग, नगर निगम गुरुग्राम (एमसीजी) के अतिरिक्त आयुक्त श्री बलप्रीत सिंह, सिटी मजिस्ट्रेट श्री कुंवर आदित्य विक्रम और जीएमडीए, एनएचएआई, एचएसवीपी, एचएसआईआईडीसी के वरिष्ठ अधिकारी और डीएलएफ के अधिकारी मौजूद थे। 


“जीएमडीए ने गुड़गांव मानेसर शहरी परिसर क्षेत्र के तहत निचले और संभावित जलभराव वाले क्षेत्रों की पहचान करने के लिए पांच वर्षों के एकत्रित सैटेलाइट डेटा का अध्ययन किया है। वर्ष 2020 में जीएमडीए मास्टर रोड के 79 असुरक्षित स्थानों में से, प्राधिकरण द्वारा भारी वर्षा के दौरान राहत प्रदान करने के लिए ऐसे 63 स्थानों पर उपचारात्मक उपाय और पर्याप्त बुनियादी ढांचे के निर्माण किए गए हैं। हम अतिरिक्त नए हॉटस्पॉट की भी पहचान करेंगे जहां इस वर्ष जलभराव की सूचना मिली है, जिसे संबंधित विभागों के साथ साझा किया जाएगा। शहर को पर्याप्त और कुशल जल निकासी प्रणाली से लैस करने और शहरी बाढ़ को कम करने के लिए एक एकजुट और दीर्घकालिक व्यापक योजना तैयार करने के लिए एक समिति गठित की जाएगी,‘‘ जीएमडीए के मुख्य कार्यकारी अधिकारी, श्री ए. श्रीनिवास, ने कहा। 


आज की बैठक में निर्देश दिए गए कि दोनों गुरुग्राम और मानेसर नगर निगम अपने आंतरिक क्षेत्रों में बिछाए गए मौजूदा ड्रेनेज नेटवर्क की जांच करेंगे। जिन क्षेत्रों में ड्रेन का निर्माण होना बाकी है, वहां निगम द्वारा काम तेजी से किया जाए। इसके अलावा, उन्हें यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि उनके द्वारा बिछाए गए आंतरिक नालों को जीएमडीए के मास्टर ड्रेनेज नेटवर्क से जोड़ा जाना चाहिए ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि सेक्टरों के अंदर का पानी मास्टर नालों में जाए और मास्टर सड़कों पर न बहे।  


एनएचएआई के अधिकारी अपने मौजूदा ड्रेन नेटवर्क की पूरी संरचना और जीएमडीए मास्टर ड्रेनेज सिस्टम के साथ अपनी ड्रेन की कनेक्टिविटी भी सांझा करेंगे। जीएमडीए की टीम एनएचएआई के बरसाती नालों की कार्यक्षमता की जांच करने के लिए निरीक्षण करेगी और यह सुनिश्चित करेगी कि वे प्राधिकरण के मौजूदा मास्टर स्टॉर्म वाटर ड्रेन लेग 1, लेग 2 या लेग 3 के साथ ठीक से जुड़े हुए हैं। 


जीएमडीए अधिकारियों ने बताया कि प्राधिकरण द्वारा अरावली पहाड़ियों में स्थित विभिन्न क्रीक पर बनाए गए चेक डैम बारिश के पानी को रोकने में सहायक रहे हैं और गोल्फ कोर्स रोड पर बाढ़ की स्थिति पर अंकुश लगा है। जीएमडीए के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने निर्देश दिए कि अरावली के भीतर बरसाती पानी के प्रवाह को रोकने और शहर की सुरक्षा के लिए, इस तरह की और अधिक जल संचयन संरचनाओं का प्रावधान किया जा सकता है।


उन्होंने जीएमडीए के शहरी पर्यावरण विभाग को यह सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए कि जीएमडीए या सीएसआर गतिविधियों के तहत विकसित की जा रही सभी नई ग्रीन बेल्ट मानसून के दौरान बरसाती पानी प्रतिधारण का समर्थन करने के लिए मुख्य कैरिजवे के स्तर से नीचे बनाई जाएं। विभाग खाली सरकारी भूमि की भी पहचान करे जहां आंतरिक क्षेत्रों के बरसाती पानी को चैनलाइज करने और संग्रहीत करने के लिए तालाब और जल धारण निकाय बनाए जा सकते हैं। 


जीएमडीए के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने बैठक में सभी स्थानीय प्राधिकारियों को निर्देश दिए कि वे अपने-अपने क्षेत्राधिकार के अंतर्गत सभी सीवर और जल निकासी नेटवर्क को पूरी तरह से साफ और डिसिल्ट करें, ताकि सड़कों को जलभराव से मुक्त रखने के लिए बरसाती पानी और सीवेज की शीघ्र निकासी हो सके। 

                                         

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