अब सुमेर सिंह तंवर ने साथियों के साथ भाजपा को कहा अलविदा

 


-बोले, संगठन में अब लोकतंत्र खत्म हो गया है 

-कर्मठ कार्यकर्ताओं की अनदेखी करके दबाव में काम कर रही है भाजपा 

गुरुग्राम। पिछले करीब 35 साल से भारतीय जनता पार्टी में सेवाएं दे रहे अनुसूचित जाति मोर्चा हरियाणा के पूर्व प्रदेश महासचिव सुमेर सिंह तंवर ने अपने समर्थकों के साथ भाजपा को अलविदा कह दिया। बुधवार को पत्रकार वार्ता करके उन्होंने पार्टी छोडऩे की घोषणा की। साथ ही कहा कि अब वे किसी राजनीतिक दल में नहीं जाएंगे। पार्टी से मोह भंग होने का कारण उन्होंने केंद्रीय राज्य मंत्री एवं गुडग़ांव के सांसद राव इंद्रजीत सिंह को बताया। 

सुमेर सिंह तंवर के साथ अंकित सिंह, सुदेश वर्मा, राजन दत्त, विकास मल्होत्रा, कृष्ण वर्मा, अशोक सौदा, गौरव कालड़ा, सुरेश कलसन, धीरज आहुजा, पीयूष शर्मा, रामकुमार, पवन कुमार, रोहित ढिका, प्रिंस तंवर, कमल कालड़ा, दीपक सम्राट, अमित पहलवान कारोला, मास्टर सुरेंद्र ङ्क्षसह चौहान, रोहित गहलोत, राजेश चौहान, प्रेम पाल सिंह, मनोज चौहान नानूंकलां, संजय जांगिड़ समेत अनेक कार्यकर्ताओं ने भाजपा छोड़ी। 

पत्रकार वार्ता में सुमेर सिंह तंवर ने कहा कि वे वर्ष 1987 से अब तक भाजपा के सक्रिय कार्यकर्ता के रूप में उन्होंने काम किया है। हमने भाजपा में संघर्ष किया है। सम्मान, स्वाभिमान की राजनीति की है। भाजपा सिद्धांतों पर चलने वाली पार्टी थी। अब भाजपा में लोकतंत्र खत्म हो गया है। दक्षिण हरियाणा में इंद्रजीत ङ्क्षसह का कब्जा है। पिछले 10 साल से दक्षिण हरियाणा में भाजपा खत्म होती चली गई है। इंद्रजीत सिंह ने भारतीय जनता पार्टी को कभी मजबूत करने का काम नहीं किया, बल्कि अपने इंसाफ मंच के कार्यकर्ताओं को आगे बढ़ाने का काम किया है। वे दमनकारी नीतियां अपनाते हैं। उन्होंने कहा कि वर्ष 2017 में हुए नगर निगम चुनाव में इंद्रजीत सिंह व उनकी टीम ने भाजपा के खिलाफ काम किया। फिर भी हम संगठन से सुधार की उम्मीद में जुड़े रहे। 

सुमेर सिंह तंवर ने कहा कि अब 2024 के विधानसभा चुनाव में साथियों के कहने पर उन्होंने पटोदी विधानसभा से टिकट मांगी। टिकट के लिए तीन नामों का पैनल तैयार किया गया। इसमें विधायक सत्यप्रकाश जरावता, उनका खुद का और पूर्व विधायक बिमला चौधरी का नाम था। विधायक सत्यप्रकाश जरावता ग्राउंड रिपोर्ट में वे जीत नहीं रहे थे। बिमला चौधरी ने भाजपा के लिए कभी काम नहीं किया। वे इंसाफ मंच की ही कार्यकर्ता रहीं। सिर्फ मैं भाजपा संगठन से था। इंद्रजीत ङ्क्षसह के दबाव में मेरी टिकट काटकर इंसाफ मंच की कार्यकर्ता को दे दी गई। इससे साफ है कि संगठन इंद्रजीत ङ्क्षसह के दबाव में रहा। लोकसभा के चुनाव में इंद्रजीत सिंह ने भाजपा के किसी कार्यकर्ता पर विश्वास नहीं किया। अपने इंसाफ मंच के मनीष मित्तल को लोकसभा संयोजक बनाया। 

सुमेर तंवर ने कहा कि वे पिछले करीब 3 साल से पटौदी विधानसभा में कार्यालय खोलकर चुनाव की तैयारी कर रहे थे। क्षेत्र के लोगों में भी सकारात्मक माहौल था। एक समर्पित कार्यकर्ता की टिकट काटकर सिर्फ अपमान नहीं किया, बल्कि राजनीतिक हत्या की गई है। इसका आरोप वे सीधे इंद्रजीत सिंह पर लगा रहे हैं। 

सुमेर सिंह तंवर ने कहा कि इन सब बातों से क्षुब्ध होकर उन्होंने पार्टी छोडऩे का निर्णय लिया। उनके इस निर्णय की जानकारी मिलते ही पटौदी विधानसभा के अनेक साथियों, कार्यकर्ताओं ने उनके साथ ही पार्टी छोडऩे का फैसला किया। जिस तरह से दक्षिण हरियाणा में भाजपा इंद्रजीत सिंह के दबाव में काम कर रही है, उससे साफ है कि अब संगठन छोटा हो गया है और व्यक्ति बड़ा। सुमेर तंवर ने कहा कि अगर भाजपा ने इंद्रजीत सिंह से छुटकारा नहीं पाया तो दक्षिण हरियाणा में भाजपा खत्म हो जाएगी। साथ ही उन्होंने कहा कि उनका अगला कदम क्या होगा, इसके लिए साथियों के साथ बैठक करके अगले दो दिन में निर्णय लिया जाएगा। वे दक्षिण हरियाणा में इंद्रजीत सिंह की पोल खोलने का काम करेंगे। हर विधानसभा में जाकर लोगों को जागरुक करेंगे।

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