बोधराज सीकरी, चेयरमैन, फेडरेशन ऑफ़ फार्मा एंटरप्रेन्योर (फ़ोप) बने एसजीटी यूनिवर्सिटी के सिनर्जी 2024 वार्षिक कार्यक्रम में मुख्य अतिथि।


 बोधराज सीकरी, चेयरमैन, फेडरेशन ऑफ़ फार्मा एंटरप्रेन्योर (फ़ोप) बने एसजीटी यूनिवर्सिटी के सिनर्जी 2024 वार्षिक कार्यक्रम में मुख्य अतिथि।


दिल्ली के राज्यपाल की विशेष सचिव श्रीमती हरलीन कौर, आईएएस, एसजीटी यूनिवर्सिटी के चांसलर श्री राम बहादुर राय, एसजीटी यूनिवर्सिटी के मैनेजमेंट ट्रस्टी श्री मनमोहन सिंह चावला, वाइस चांसलर श्री मदन मोहन चतुर्वेदी और प्रो. वाइस चांसलर डॉक्टर अतुल नासा के साथ किया मंच साझा।


आने वाला समय नवीनीकरण का है, अनुसंधान का है : बोधराज सीकरी


गुरुग्राम। कल दिनांक 18 अक्तूबर के दिन एसजीटी यूनिवर्सिटी के प्रांगण में विशाल सिनर्जी 24 (तालमेल 2024) के 7वें संस्करण का आयोजन किया गया, जिसके एनसीआर के 300 से अधिक स्कूल और कॉलेज से 22000 से अधिक विद्यार्थियों ने 220 से अधिक अपने-अपने प्रोजेक्ट वहाँ पर प्रदर्शित किए। बता दें यह कार्यक्रम हर वर्ष किया जाता है जिसके विद्यार्थी अपनी-अपनी प्रतिभा इनोवेशन और क्रिएटिविटी क्षेत्र में दिखाते हैं। चाहे वे स्वास्थ्य संबंधी क्षेत्र हो, चाहे कृषि संबंधित हो, चाहे प्राकृतिक संसाधन से संबंधित हो। यह सभी प्रोजेक्ट टेक्नोलॉजी संबंधित होते हैं। इसके अतिरिक्त ड्रोन रेस, रोबोट प्रतियोगिता, नुक्कड़ नाटक और मनोरंजन के अन्य तरीक़े से विद्यार्थी अपनी-अपनी प्रतिभा प्रस्तुत करते हैं।


कार्यक्रम में बोधराज सीकरी ने मैनेजमेंट ट्रस्टी श्री मनमोहन सिंह चावला की कार्यशैली की भूरी-भूरी प्रशंसा की और बताया कि श्री चावला जी का दिल मात्र राष्ट्र हित में शिक्षा और स्वास्थ्य के लिए धड़कता है। उनका समर्पण सराहनीय है।


बोधराज सीकरी ने अपने मुख्य अतिथि संबोधन में बताया कि आज का युवा ऊर्जा से लबालब भरा है और उसमें तकनीकी प्रतिभा भी है परंतु उसे उत्साहित करने के लिए बड़ों के अनुभव की आवश्यकता है। हमारा राष्ट्र

विश्व गुरु बनने की ओर अग्रसर हो रहा है और इस निमित्त युवा का योगदान इस कार्य को पूरा कर सकता है।


विश्वविद्यालयों को, उद्योग जगत को इस मामले में विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करना चाहिए। बोधराज सीकरी ने अपने वक्तव्य में बताया कि वित्त मंत्री ने कोविड के बजट में अपने बजट को छ: स्तंभ पर खड़ा किया था। पहला स्तंभ था स्वास्थ्य से संबंधित और अंतिम स्तंभ था इनोवेशन रिसर्च और डेवलपमेंट। अत: आने वाला समय नवीनीकरण का है , अनुसंधान का है। विकसित भारत के लिए ज्ञान जो हमारे देश में भरा पड़ा है, उसको विज्ञान में परिवर्तित करना होगा जो असंभव नहीं है।


बोध राज सीकरी ने उद्योग और एकेडमियों के आपसी समन्वय की आवश्यकता पर भी बल दिया।


श्रीमती हरलीन कौर आईएएस दिल्ली के राज्यपाल की विशेष सचिव का दृष्टिकोण कौशल यानी स्कीलिंग पर था। उन्होंने विद्यार्थियों को अपने धारावाहिक भाषण से प्रभावित किया।


बोधराज सीकरी एवं श्रीमती हरलीन कौर ने यूनिवर्सिटी के चांसलर श्री राम बहादुर राय, मैनेजमेंट ट्रस्टी श्री मनमोहन चावला, वाइस चांसलर श्री मदन मोहन चतुर्वेदी और प्रो. वाइस चांसलर डॉक्टर अतुल नासा के साथ मिलकर विद्यार्थियों को अवार्ड वितरित किए।


कार्यक्रम डॉक्टर अतुल नासा के धन्यवाद प्रस्ताव के साथ पारित हो राष्ट्र गान के साथ समापन हुआ।

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