वर्ल्ड मेनिनजाइटिस डे के अवसर पर मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल गुरुग्राम ने लोगों को किया जागरूक
गुरुग्राम: मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स गुरुग्राम ने वर्ल्ड मेनिनजाइटिस डे (5 अक्टूबर 2024) के अवसर पर इस गंभीर बीमारी के बारे में लोगों को जागरूक किया. ये दिन हर साल इस मकसद से मनाया जाता है ताकि आम लोगों को इस बीमारी के बारे में, इससे बचाव के बारे में और विश्वभर में स्वास्थ्य पर इसके असर के बारे में बताया जा सके. इस साल के कैंपेन में बीमारी के अर्ली डिटेक्शन, वैक्सीनेशन और तुरंत इलाज की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया गया. अगर इसका समय पर इलाज न किया जाए तो इस बीमारी के कारण गंभीर दिव्यांगता हो सकती है, या जान भी जा सकती है. इस साल की थीम 'लाइट द रोड अहेड' रखी गई है, ताकि इस बीमारी को 2030 तक खत्म करने का विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO)का लक्ष्य पूरा हो सके. मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स गुरुग्राम में न्यूरोलॉजी विभाग का नेतृत्व एचओडी व क्लिनिकल डायरेक्टर डॉक्टर कपिल अग्रवाल करते हैं.
हर साल 25 लाख लोगों को मेनिनजाइटिस डायग्नोस होता है. इसके दूरगामी प्रभावों के बावजूद, कई लोग अभी भी इस बीमारी से अनजान हैं और खुद को व अपने परिवार को कैसे सुरक्षित रखें. जानकारी का ये अंतर और अपर्याप्त सपोर्ट उन प्रभावित लोगों को अलग-थलग महसूस कर सकता है क्योंकि वे अपने जीवन को ठीक करने और री-बिल्ड करने के लिए काम करते हैं.
जब ब्रेन और रीढ़ की हड्डी को प्रोटेक्ट करने वाली झिल्लियों में सूजन हो जाती है तो यह समस्या मेनिनजाइटिस कहलाती है. यह समस्या बहुत तेजी से पनप सकती है और इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं. इसकी चपेट में किसी भी उम्र के लोग, चाहे वो नवजात हों, युवा बच्चे, एडल्ट या कमजोर इम्यून सिस्टम वाले आ सकते हैं. बैक्टीरियल मेनिनजाइटिस के अलग-अलग रूपों को रोकने के लिए टीकाकरण सबसे प्रभावी तरीका माना जाता है. फिर भी बहुत से लोग या तो टीकाकरण से अनजान हैं या उन तक पहुंच की कमी है. मेनिनजाइटिस एक मेडिकल इमरजेंसी है जो घंटों के अंदर ही घातक हो सकती है या इससे आजीवन जटिलताएं रह सकती हैं. इसके लक्षण अक्सर COVID-19 या फ्लू जैसी अन्य बीमारियों वाले लगते हैं, जिससे कंफ्यूजन होता है जबकि ये रोग तेजी से प्रगति कर सकता है. इसके लक्षणों में अचानक तेज बुखार आना, गर्दन में अकड़न, गंभीर सिरदर्द, मतली या उल्टी, कंफ्यूजन या ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई, दौरे पड़ना, जागने में कठिनाई और लाइट के प्रति संवेदनशीलता शामिल हैं.
मेनिनजाइटिस संक्रमण के कारण लंबे समय तक दिव्यांगता हो सकती है. हालांकि, ये इस बात पर निर्भर करता है कि इसकी गंभीरता कितनी है और इलाज का समय क्या है. ऐसे में रोग की जल्दी पहचान और तुरंत इलाज बेहद महत्वपूर्ण है. बैक्टीरियल मैनिंजाइटिस के मामलों में सुनने में कठिनाई यानी बहरापन हो सकता है, जिसके कारण कान के अंदर की नसों को नुकसान होता है. जो लोग इस बीमारी से ठीक हो भी जाते हैं, उन्हें मेमोरी की समस्या हो सकती है, ध्यान केंद्रित में समस्या होती है, याद करने और जानकारी जुटाने में चुनौती रहती है. कुछ मामलों में ब्रेन की सूजन या डैमेज के कारण मिर्गी हो सकती है. ऑप्टिक तंत्रिकाएं प्रभावित हो सकती हैं, जिससे दृष्टि हानि हो सकती है या गंभीर मामलों में अंधापन भी हो सकता है. नसों या मस्तिष्क को नुकसान के कारण मांसपेशियों में कमजोरी, समन्वय की कठिनाई या यहां तक कि पैरालिसिस भी हो सकता है. इसके अलावा बचने वाले लोगों को मनोवैज्ञानिक समस्याएं जैसे एंग्जायटी, डिप्रेशन, मूड स्विंग्स, पर्सनैलिटी चेंज या दिमाग पर असर हो सकता है.
मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स गुरुग्राम में न्यूरोलॉजी विभाग के क्लिनिकल डायरेक्टर व एचओडी डॉक्टर कपिल अग्रवाल ने कहा, ''मेनिनजाइटिस एक जानलेवा बीमारी है जिसकी कोई सीमा नहीं होती है और किसी भी समय ये बीमारी किसी को भी अपनी चपेट में ले सकती है. लेकिन अच्छी बात ये है कि ये बीमारी रोकथाम योग्य भी है. जागरूकता बढ़ाने और टीकाकरण तक व्यापक पहुंच सुनिश्चित करने से हमारे पास मेनिनजाइटिस के वैश्विक बोझ को काफी कम करने की शक्ति है.
वर्ल्ड मेनिनजाइटिस डे हमें याद दिलाता है कि रोग की प्रारंभिक पहचान और निवारक उपाय जीवन बचाने और भविष्य की रक्षा करने की कुंजी हैं. हमारी प्रतिबद्धता न केवल जनता को टीकाकरण के महत्व के बारे में एजुकेट करना है, बल्कि समय पर मेडिकल केयर तक पहुंच की वकालत करना भी है. हमारा उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी इस विनाशकारी बीमारी की चपेट में न रहे.
मेनिनजाइटिस और नवजात सेप्सिस एक साथ दुनिया भर में गंभीर बौद्धिक विकलांगता का एक प्रमुख कारण है. इस बीमारी से प्रभावित 10 में से 1 व्यक्ति की जान चली जाती है जबकि बचे हुए 5 लोगों में से 1 को आजीवन दिव्यांगता हो जाती है. मेनिनजाइटिस तेजी से बढ़ता है, इलाज के लिए बहुत कम समय मिलता है, जिससे चलते तुरंत एक्शन की जरूरत होती है. इसी तरह के लक्षणों वाली अन्य बीमारियों के विपरीत मेनिनजाइटिस स्वास्थ्य में तेजी से गिरावट की ओर ले जाता है और इसमें तत्काल मेडिकल केयर देने की आवश्यकता होती है. यह एक ऐसी बीमारी है, जिससे जीवन पलट जाता है और इसमें परिवार व मरीज दोनों बुरी तरह प्रभावित होते हैं.