प्राकृतिक चिकित्सा दिवस पर आयुष मंत्रालय, भारत सरकार के सहयोग से सूर्या फाउण्डेशन व इंटरनेशनल नेचुरोपैथी आर्गेनाइजेशन INO ने आयोजित किया राष्ट्रीय महाधिवेशन।

 ▪️ प्राकृतिक चिकित्सा दिवस पर आयुष मंत्रालय, भारत सरकार के सहयोग से सूर्या फाउण्डेशन व इंटरनेशनल नेचुरोपैथी आर्गेनाइजेशन INO ने आयोजित किया राष्ट्रीय महाधिवेशन।

राष्ट्रीय महाधिवेशन में देश भर से 3 हजार से भी ज्यादा योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा प्रतिनिधि पधारे।


महाधिवेशन में नेशनल कमिशन आफ योग नेचुरौपैथी मेडिकल बिल 2023 को लागू करने की हुई मांग।

दिल्ली 18 अक्टूबर आयुष मंत्रालय, भारत सरकार के सहयोग से सूर्या फाउण्डेशन व इंटरनेशनल नेचुरोपैथी आर्गेनाइजेशन ;प्छव्द्ध ने तालकटोरा इंडोर स्टेडियम, नई दिल्ली में 7वें प्राकृतिक चिकित्सा दिवस के उपलक्ष्य में राष्ट्रीय महाधिवेशन का आयोजन किया। इस राष्ट्रीय महाधिवेशन का उद्घाटन केन्द्रीय कानून व न्याय मंत्री श्री अर्जुनराम मेघवाल ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। अधिवेशन में केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री जे.पी. नड्डा एवं आयुष मंत्री श्री प्रतापराव जाधव वर्चुअली उपस्थित रहे।

 

इस अवसर पर कानून मंत्री मेघवाल जी ने कहा कि जो National Commission for Indian Medicine System का बिल रूका हुआ है, उसे पास करवाने की अगर किसी में शक्ति है, तो उसका नाम है नरेंद्र मोदी, जो असंभव को भी संभव कर देते हैं। नारी वंदन बिल का उदाहरण देते हुए बताया कि ये बिल भी अटका हुआ था, उस अटके हुए बिल को संसद में पास कराकर नया इतिहास रचा। उन्होंने आश्वासन दिया नैचुरौपैथी योग का बिल जो अटका हुआ है उसे पास कराने का भरसक प्रयास किया जाएगा क्योंकि हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री प्रकृति के पंचमहाभूतों के साथ प्राकृतिक जीवन जीते हैं। इसलिए कहा जाता है कि मोदी है तो मुमकिन है। इसलिए आपका बिल पास होना भी हर हाल में मुमकिन है।


उद्घाटन सत्र को वर्चुअली संबोधित करते हुए श्री जे.पी. नड्डा जी ने कहा कि सूर्या फाउण्डेशन INO  ने योग-नैचुरोपैथी के प्रचार-प्रसार एवं विकास में अहम भूमिका निभाई है। भारत सरकार पारम्परिक चिकित्सा पद्धतियों के विकास एवं अनुसंधान के कार्य को निरंतर आगे बढ़ा रही है। उन्होंने महाधिवेशन में देश भर से पधारे योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा प्रतिनिधियों का स्वागत एवं अभिनंदन किया।



इस अवसर पर आयुष मंत्री श्री प्रतापराव जाधव ने सभा को वर्चुअली संबोधित करते हुए कहा कि महात्मा गांधी स्वस्थ रहने के लिए प्राकृतिक चिकित्सा को अपनाते थे। 78 वर्ष पूर्व आज ही के दिन गांधी जी द्वारा 1946 में पुणे में आॅल इंडिया नेचर क्योर फाउण्डेशन ट्रस्ट की स्थापना की गई थी। इस ट्रस्ट का उद्देश्य प्राकृतिक चिकित्सा का ज्ञान व लाभ घर-घर तक पहुंचाना था। मुझे आज यह बताते हुए बड़ी खुशी हो रही है कि आज उसी स्थान पर निसर्ग ग्राम के नाम से पुणे में 250 बेड का अस्पताल बनाया गया है, जिसका उद्घाटन हाल ही में माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने किया है। श्री जाधव ने कहा कि प्राकृतिक चिकित्सा के प्रचार-प्रसार के लिए इंटरनेशनल नेचुरोपैथी आर्गेनाइजेशन ;INO  द्वारा मुझे कई सुझाव मिले हैं। जिस पर मंत्रालय सकारात्मक कार्यवाही कर रहा है और जल्दी ही उसके परिणाम भी मिलेंगे। मैं आपसे आग्रह करूंगा की इस राष्ट्रीय महाधिवेशन के जो भी रेजोल्यूशन हो मुझे अवश्य भेजें आपके सभी सुझावों पर हम विचार करेंगे और उसे लागू करने का भी प्रयास करेंगे।


इस अवसर पर सूर्या फाउण्डेशन प्छव् के चेयरमैन पद्मश्री जयप्रकाश अग्रवाल ने देश भर से पधारे सभी प्राकृतिक चिकित्सा प्रेमियों को बधाई देते हुए कहा कि प्राकृतिक चिकित्सा की प्रैक्टिस करने वाले हर डाक्टर को स्वयं पहले इसे अपनाना होगा उसके बाद वो रोगियों को इस पद्धति से स्वास्थ्य लाभ दे पायेंगे। उन्होंने कहा कि हर प्राकृतिक चिकित्सक को सप्ताह में एक बार जल चिकित्सा, उपवास चिकित्सा, मिट्टी चिकित्सा एवं फलाहार करना चाहिए।


नेचुरोपैथी का योगदान विषय पर आयोजित इस राष्ट्रीय अधिवेशन में प्छव् के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा अनंत बिरादार ने कहा कि सभी हितधारकों के सुझावों को सम्मलित कर नेशनल कमीशन आफ योग नेचुरौपैथी मेडिकल बिल-2023 जल्दी से जल्दी लागू होना चाहिए साथ ही इसके माध्यम से ही सभी नेचुरोपैथी डाक्टरों का पंजीकरण होना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक चिकित्सा एवं योग संस्थानों एवं चिकित्सालयों के लिए दी जाने वाली अनुदान राशि को पुनः शुरू किया जाये ताकि इस पद्धति का लाभ जन-जन तक घर-घर तक पहुंचे। इस अवसर पर डॉ बिरादार ने हर वर्ग के लोगों के प्राकृतिक चिकित्सा लाभ मिले इस हेतु योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति को आयुष्मान भारत योजना में शामिल करने की भी मांग की।


महाधिवेशन में आचार्य लोकेश मुनि भी उपस्थित रहे उन्होंने अपने आशीर्वचन देते हुए कहा कि समग्र स्वास्थ्य लाभ के लिये प्राकृतिक चिकित्सा एक दवा रहित पद्धति है। हमें ज्यादा से ज्यादा लोगों को स्वास्थ्य लाभ देने के लिए ज्यादा से ज्यादा प्राकृतिक चिकित्सकों को तैयार करना होगा। इस अवसर पर लोकसभा सदस्य भोला सिंह ने कहा कि इस कांफ्रेंस में जो भी प्रस्ताव पारित किया जाए, उसे लागू करवाने के लिए हम अपना पूर्ण सहयोग देंगे।


महाधिवेशन में पंचमशाली पीठ के जगतगुरू श्री श्री वचनानंद स्वामी ने कहा कि आज के दिन देश में आयुर्वेद हाइकोर्ट है तो ऐलौपैथी सुप्रीम कोर्ट मानी जाती है। नैचुरोपैथी इतनी प्रसिद्ध हो रही है कि आज विश्व के 106 देशों में उपचार के रूप में अपनाई जा रही है। जयप्रकाश जी महात्मा गांधी व विनोबा भावे की तरह प्राकृतिक चिकित्सा को ;प्छव्द्ध के माध्यम से आगे बढ़ा रहे हैं। श्री अनंत बिरादार जी भी इस कार्य में लगे हैं। उन्होंने मुख्य रूप से बताया कि जिस प्रकार सरकार ने एलौपैथी चिकित्सा पद्धति को आगे बढ़ाया है, उसी योग-नैचुरोपैथी को भी सरकार को आगे बढ़ाना चाहिए। प्राकृतिक चिकित्सा दिवस के इस अवसर पर प्राकृतिक चिकित्सा में उत्कृष्ट सेवा एवं योगदान के लिए 7 लोगो को सम्मानित किया गया।

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