हड्डी के मरीजों को मिलेगा एडवांस इलाज, मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल गुरुग्राम ने किया अपनी सेवाओं का विस्तार

हड्डी के मरीजों को मिलेगा एडवांस इलाज, मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल गुरुग्राम ने किया अपनी सेवाओं का विस्तार

गुरुग्राम, 10 दिसंबर 2024:हड्डी और जॉइंट्स की समस्याओं का वर्ल्ड क्लास इलाज देने के उद्देश्य से मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स गुरुग्राम ने अपनी सेवाओं को विस्तार देते हुए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर ऑर्थोपेडिक की शुरुआत की है. मैरिंगो अस्पताल शानदार टेक्नोलॉजी, एक्सपर्ट्स की मल्टी डिसिप्लिनरी टीम और पेशेंट सेंट्रिक प्रोटोकॉल के साथ हड्डी के मामलों में लोगों की पहली च्वाइस बना हुआ है. ऑर्थोपेडिक सर्जन, फिजियोथेरेपिस्ट और नर्सिंग स्टाफ की टीम के नेतृत्व में ऑर्थोपेडिक्स विभाग जॉइंट और रीढ़ स्पेक्ट्रा से जुड़ी समस्याओं के इलाज में माहिर है. मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स गुरुग्राम में हड्डी विभाग का नेतृत्व चेयरमैन व एचओडी-ऑर्थोपेडिक्स, जॉइंट रिप्लेसमेंट और स्पोर्ट्स इंजरी  ट्रामा डॉक्टर हेमंत शर्मा करते हैं. इनके साथ मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स में न्यूरोसर्जरी विभाग के क्लिनिकल डायरेक्टर डॉक्टर हिमांशु चंपानेरी  रहते हैं.

 

अस्पताल तेज रिकवरी के लिए मिनिमली इनवेसिव तकनीकों का उपयोग करके एडवांस जॉइंट रिप्लेसमेंट सर्जरी में माहिर है. एथलीट्स की जल्दी रिकवरी और पीक परफॉर्मेंस को देखते हुए स्पोर्ट्स मेडिसिन के तहत स्पेशल केयर की दी जाती है. बच्चों में विकास संबंधी समस्याओं और चोटों के लिए पीडियाट्रिक विभाग है. मुश्किल मामलों के लिए 24/7 इमरजेंसी रिस्पांस टीम है. रीढ़ की चोटों और विकारों के इलाज के साथ रीढ़ और पीठ की देखभाल, गतिशीलता और जीवन की गुणवत्ता सुनिश्चित की जाती है. विभाग में एडवांस इमेजिंग तकनीक, रोबोटिक असिस्टेड सर्जरी और समर्पित फिजियोथेरेपी व रिहैबिलिटेशन सेंटर है ताकि मरीजों की बेहतर रिकवरी सुनिश्चित की जा सके. कम्युनिटी आउटरीच प्रोग्राम के जरिए प्रिवेंटिव केयर, हेल्थ कैम्प और अवेयरनेस ड्राइव पर स्पेशल जोर दिया जाता है.


मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स गुरुग्राम क्षेत्र का पहला अस्पताल है जो ऑर्थोपेडिक्स में सर्जिकल हस्तक्षेप की आवश्यकता वाले मरीजों को रोबोटिक प्रक्रिया से इलाज मुहैया कराता है.ऑर्थोपेडिक मेडिसिन में शानदार तकनीक की मदद से, रोबोट-असिस्टेड हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी पूरी सटीकता और अनुकूलन क्षमता के साथ बेहतर परिणाम मिल रहे हैं और हिप रिप्लेसमेंट प्रक्रियाओं के लिए ये गेम-चेंजर साबित हो रही है.

 

रोबोट-असिस्टेड हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी में अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग किया जाता है जिसमें हर मरीज के लिए पर्सनलाइज्ड सर्जिकल प्लान बनाने के लिए एडवांस इमेजिंग और 3डी मॉडलिंग का इस्तेमाल होता है. सटीकता का यह स्तर सुनिश्चित करता है कि नया हिप इम्प्लांट किसी भी संभावित जटिलता को कम करने के लिए काफी है, जबकि इससे इम्प्लांट की लाइफ भी बढ़ जाती है.


मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स गुरुग्राम में ऑर्थोपेडिक्स, जॉइंट रिप्लेसमेंट और स्पोर्ट्स इंजरी व ट्रामा के चेयरमैन व एचओडी डॉक्टर हेमंत शर्मा ने बताया,''हमारी अप्रोच पर्सनलाइज्ड केयर, इनोवेशन और एक्सीलेंस वाली रहती है. जॉइंट रिप्लेसमेंट से लेकर स्पोर्ट्स इंजरी तक, हम जीवन को बदलने वाले परिणाम देने के लिए प्रतिबद्ध हैं. ऑर्थोपेडिक्स विभाग अलग-अलग मेडिकल समस्याओं के समाधान देता है, जिसमें एक सर्जिकल प्रक्रियाओं में रोबोट तकनीक का इंटिग्रेशन है. रोबोटिक असिस्टेड सर्जरी सटीकता और पर्सनलाइजेशन को बढ़ाती है, विशेष रूप से कूल्हे और घुटने के रिप्लेसमेंट में. एडवांस इमेजिंग और रोबोटिक्स का लाभ उठाकर मरीज की शारीरिक रचना के हिसाब से सटीक प्लेसमेंट के लिए सर्जरी की योजना बनाते हैं. मरीजों को उनकी एक्टिव लाइफस्टाइल की तेजी से बहाली के लिए रोबोटिक सर्जरी का विकल्प दिया जाता है. हम 'पेशेंट फर्स्ट' में विश्वास करते हैं और अपने मरीजों के लिए बेहतर समाधान और लेटेस्ट तकनीकों का विस्तार करना जारी रखते हैं.''


मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स गुरुग्राम में न्यूरोसर्जरी के क्लिनिकल डायरेक्टर डॉक्टर हिमांशु चंपानेरी ने कहा, ''हाल के वर्षों में रीढ़ की बीमारियों और समस्याओं के साथ आने वाले लोगों की संख्या में काफी बढ़ोतरी हुई है. ऐसी बीमारियों के लिए हमारा सेंटर ऑफ एक्सिलेंस फॉर स्पाइन डिजीज एंड डिसऑर्डर एक उम्मीद है, जहां अत्याधुनिक तकनीक के साथ पेशेंट सेंट्रिक इलाज मिलता है. हम रीढ़ की हड्डी की विकृति से लेकर डिजनरेटिव डिजीज तक का इलाज लेटेस्ट सर्जिकल इनोवेशन, मिनिमली इनवेसिव तकनीक और एडवांस इमेजिंग के जरिए करते हैं. हमारी ताकत हमारे मल्टी डिसिप्लिनरी सहयोग में है. न्यूरोसर्जन, ऑर्थोपेडिक सर्जन, दर्द विशेषज्ञ और रिहैबिलिटेशन विशेषज्ञों की टीम पर्सनलाइज्ड ट्रीटमेंट प्लान करती है जिससे रिजल्ट भी बेहतर आते हैं. हम केवल इलाज पर ध्यान केंद्रित नहीं करते हैं, हम गतिशीलता को बहाल करने, दर्द को कम करने और प्रत्येक रोगी के जीवन की समग्र गुणवत्ता को बढ़ाने को प्राथमिकता देते हैं.  रीढ़ की हड्डी की देखभाल और रिसर्च की सीमाओं को लगातार आगे बढ़ाकर हम अपने मरीजों को ऐसे समाधान देते हैं जिससे उन्हें ठीक होने की उम्मीद मिलती है.'


मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स गुरुग्राम में वाइस प्रेसिडेंट व फैसिलिटी डायरेक्टर डॉक्टर सौरभ लाल ने कहा, ''ऑर्थोपेडिक्स के क्षेत्र में लीडर होने के नाते मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स लेटेस्ट तकनीक और प्रैक्टिस के लिए ग्लोबल मेडिकल एक्सपर्ट के साथ सहयोग कर रहा है. इस तरह के कदमों से लोगों को एडवांस हेल्थ केयर देने का अस्पताल का मिशन पूरा होता है. हमारे हड्डी रोग विभाग ने एडवांस हड्डी और जॉइंट केयर में तेजी से बेंचमार्क स्थापित किए हैं. अत्याधुनिक तकनीक, कुशल टीम और पेशेंट फर्स्ट अप्रोच के साथ, हम असाधारण परिणाम देने के लिए प्रतिबद्ध हैं. इनोवेशन और पर्सनलाइज्ड ट्रीटमेंट पर हमारा ध्यान यह सुनिश्चित करता है कि हर मरीज को देखभाल मिलती है जो उनकी गतिशीलता को बढ़ाती है, दर्द को कम करती है, और उनके जीवन की गुणवत्ता में सुधार करती है.''


बढ़ती लाइफ एक्सपेक्टेंसी, खराब लाइफस्टाइल और बढ़ते मोटापे के चलते भारत में ऑर्थोपेडिक की समस्याएं बढ़ रही हैं. जोड़ों के दर्द की दुर्बल प्रकृति के बावजूद, बहुत से लोग इसके साथ रहना जारी रखते हैं और समय पर इलाज नहीं लेते हैं. भारत में हर साल सभी आयु वर्ग के मरीजों के लिए सफलतापूर्वक ऑर्थोपेडिक सर्जरी की एक महत्वपूर्ण संख्या दर्ज की जाती है, जिसमें जुवेनाइल गठिया से पीड़ित युवा एडल्ट से लेकर डिजनरेटिव बीमारी वाले बुजुर्ग रोगियों तक शामिल हैं. सर्जरी की सफलता का रेट 90-95 प्रतिशत रहता है. ज्यादा फिजिकल एक्टिविटी और मोटापा ही रिप्लेसमेंट के लंबे समय तक चलने में समस्या बन सकते हैं.

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