बांग्लादेश में पीड़ित हिन्दुओं के लिए स्वायत्त क्षेत्र बनाया जाये: भारत भूषण


गुरुग्राम: बांग्लादेश में सनातन धर्म पर हो रहे अत्याचार के विरोध में हुई विचार गोष्ठी में बोलते हुए आरएसएस अखिल भारतीय सह-सम्पर्क प्रमुख भारत भूषण ने कहा कि जिस तरह से बांग्लादेश में हिंदुओं के हितों पर कुठाराघात हो रहा उसे किसी भी रूप में उचित नही ठहराया जा सकता है। उन्होंने हिंदुओं के हितों की रक्षा के लिए बांग्लादेश में स्वायत क्षेत्र बनाने की मांग करते हुए कहा कि बांग्लादेश में खुलाना व सिलीगुड़ी को स्वायत क्षेत्र घोषित किया जाए। इससे पूर्व डॉक्टर अशोक दिवाकर ने कार्यक्रम कि प्रस्तावना रखी एवं अनिल कश्यप ने मंच सञ्चालन किया।  

इस अवसर पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में जिन क्षेत्रों में हिन्दुओं कि जनसंख्या 20  प्रतिशत से अधिक है उन्हें चिन्हित करके स्वायत क्षेत्र बना दिया जाये ताकि वे यहाँ सुरक्षित अनुभव कर सकें।  

बांग्लादेश में हो रहे हिन्दुओं के अत्याचार के विरोध में मंगलवार को आयोजित कि गई विचारगोष्ठी में शहर कि अनेक सामाजिक, धार्मिक, व विभिन नागरिक संस्थाओं के प्रतिनिधि बड़ी संख्या में उपस्थित हो कर रोष प्रकट किया।  इस कार्यक्रम के उपरांत राष्ट्रपति के नाम जिला उपयुक्त को एक ज्ञापन सौपा गया।  

गोष्ठी को सम्बोधित करते हुए भूषण ने कहा कि हिन्दू समाज को मिटाने की ताकत किसी भी शक्ति में नही है। यह ठीक है कि हम जातियों में बटे हैं लेकिन आवश्यकता पड़ने पर हिन्दू समाज एकत्रित होता है और जब यह उठ खड़ा होता है तो इतिहास साक्षी है कि फिर सनातन शौर्य के सामने कोई भी आसुरी शक्ति टिक नही पाई है।  

सनातन चेतना मंच के तत्वाधान में आयोजित कि गयी इस गोष्ठी में बोलते हुए उन्होंने कहा कि इस घटना क्रम में पाकिस्तान जैसी शक्तिया भी शामिल हैं।  बांग्लादेश को सुरक्षित करने के लिए भारत ने  ही बांग्लादेश को पाकिस्तान से स्वतंत्रता दिलाई थी।  यह बात जमायते इस्लामी जैसी कटरपंथी संस्थाओं को यह बात हज़म नहीं हुई।  पाकिस्तान के 93000 सैनिकों को भारत ने बंदी बना लिया था।  यह विश्व कि एक ऐतिहासिक घटना थी जिसका मलाल पाकिस्तान को आज भी  है।  उस समय भी अनेक ऐसे कटरपंथी मानसिकता के लोग थे जो पाकिस्तान से बांग्लादेश को अलग नहीं देखना चाहते थे।  ऐसे ही लोगो ने मिल कर एक षड्यंत्र के चलते शेख हसीना को अपदस्थ करा दिया।  उसके बाद से ही बांग्लादेश में जेहादी लोगों का नियंत्रण हो गय।  आज वहां खुले रूप से मानवाधिकारों का उलंघन हो रहा है।  उनके अनुसार इस घटनाक्रम के पीछे अमेरिका की  डेमोक्रेटिक पार्टी कीअपरोक्ष रूप से सहभागिता से इंकार नहीं किया जा सकता।  बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस तो केवल एक मुखौटा है तथा इसके पीछे मुस्लिम कटरपंथी संगठनों का षड्यंत्र है।  यह दुर्भागयापर्ण है कि

इस्कॉन जैसी शांति का सन्देश देने वाली संस्था को आतंकवादी संगठन बताया  जा रहा है।  यह विडम्बना ही है कि यह सब वहां कि सरकार के संरक्षण में ही हो रहा है।  उन्होंने मोहमद यूनुस से नोबेल शांति पुरस्कार वापिस लेने की भी मांग की।  

 विचार गोष्ठी की अध्यक्षता कर रहे ब्रह्मऋषि गीतानंद आश्रम के श्री श्री जयनन्द जी महाराज ने कहा की कभी भारत से पूरा विश्व कंपता था 

लेकिन हमारी आंतरिक फुट के करा, भारत कमज़ोर दिखाई देता है।  उन्होंने उपस्थित लोगों से अपने पूर्वजों व् महान संस्कृति को पहचानने का आह्वान करते हुए कहा कि कहने से नहीं, करने से समाधान होता है।  हम  सब को एक जुट हो कर बांग्लादेश में हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचारों का कड़ा विरोध करके दुनियां को सन्देश देना होगा ।  

गोष्ठी को पंजाबी बिरादरी महासंगठन के अध्यक्ष बोधराज सीकरी, कर्नल अनिल वैद्य, वर्ल्ड ब्राह्मण फेडरेशन के अध्यक्ष शशिकांत शर्मा, डॉक्टर परमेश्वर अरोरा, सनातन धरम सभा अध्यक्ष सुरेंदर खुल्लर, गुज्जर महासभा उपाध्यक्ष, नाथू राम सरपंच, इस्कॉन मदिर संसथान के प्रतिनिधि नरहरि कृष्ण दस, वैश्य समाज के अध्यक्ष आर बी सिंगला, राजपूत महासभा के पूर्व अध्यक्ष जतनबीर राघव, परोपकारी सभा अजमेर के मंत्री कन्हैया लाल आर्य, गुरुग्राम विश्विद्यालय के रजिस्ट्रार राजीव सिंह, पालम विहार गुरद्वारा से सरदार जितेंद्र सिंह, गायत्री परिवार से शशि सोनी, केंद्रीय आर्यसभा प्रधान अशोकआर्य  आदि ने भी सम्बोधित किया।  कार्यक्रम के संयोजक राम सज्जन व सह संयोजक सुरेंदर तंवर ने कार्यक्रम को सफल बनाए के लिए सभी का आभार व्यक्त किया।   

इस अवसर पर पूर्वांचल समाज के बी न लाल, प्रवासी मंच के अध्यक्ष सत्येंदर,   पदमचंद आर्य, प्रदेश अध्यक्ष लोकतंत्र सेनानी संगठन महावीर भारद्वाज, रिटायर्ड न्यायाधीश अनिल विमल, भारतीय वैष्णव ब्राह्मण संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष वेद प्रकाश वैष्णव, राष्ट्रीय परशुराम परिषद के राष्ट्रीय सचिव नरोत्तम वत्स, प्रांत से कार्यवाह राष्ट्रीय सेविका समिति प्रतिमा, गुरुग्राम विश्वविद्यालय रजिस्ट्रार राजीव कुमार सिंह, गौ सेवा आयोग के उपाध्यक्ष पूरन यादव, फेडरेशन ऑफ इंडिया इंडस्ट्रीज के डायरेक्टर जनरल दीपक जैन, सुरुचि साहित्य परिवार के महासचिव मदन साहनी, धानक समाज के अध्यक्ष ओ पी ख्यात, वीरांगना शम्मी अहलावत, जिला बीजेपी अध्यक्ष कमल यादव, डॉ राजेन्द्र प्रसाद फाउंडेशन के अध्यक्ष राजेश पटेल उपस्थित थे।

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