हरियाणा में शहरी निकाय चुनाव: आरक्षण के आधार पर बंटी सीटें
हरियाणा में नगर परिषद और नगर निगमों के चुनावों की तैयारियां जोरों पर हैं। हाल ही में हरियाणा शहरी निकाय विभाग ने नगर निगमों के मेयर पदों और नगर परिषद व पालिकाओं की आरक्षित सीटों की सूची जारी की है। यह सूची विभिन्न वर्गों के लिए आरक्षण को ध्यान में रखते हुए तैयार की गई है, जिससे हर वर्ग को प्रतिनिधित्व का समान अवसर मिल सके।
जारी सूची के अनुसार, गुरुग्राम नगर निगम का मेयर पद पिछड़ा वर्ग (ए) के लिए आरक्षित किया गया है। इसी प्रकार, फरीदाबाद का मेयर पद महिला (जनरल), रोहतक और यमुनानगर का मेयर पद अनुसूचित जाति (एससी) वर्ग के लिए तथा मानेसर नगर निगम का मेयर पद महिला (जनरल) वर्ग के लिए आरक्षित है। इसके अलावा, अंबाला नगर निगम का मेयर पद अनुसूचित जाति (एससी) के लिए और हिसार नगर निगम का मेयर पद जनरल वर्ग के लिए निर्धारित किया गया है। इन नगर निगमों में चुनाव फरवरी तक प्रस्तावित हैं।
गौरतलब है कि नगर निगम चुनावों में आरक्षण का उद्देश्य सभी वर्गों को नेतृत्व और प्रतिनिधित्व का अवसर देना है। यह न केवल लोकतांत्रिक मूल्यों को सुदृढ़ करता है बल्कि यह भी सुनिश्चित करता है कि समाज के हाशिए पर रहे वर्गों को भी राजनीतिक मंच मिले।
चुनावों की यह प्रक्रिया आगामी लोकसभा और विधानसभा चुनावों की तैयारी का संकेत भी देती है। भारतीय जनता पार्टी ने अब तक प्रदेश में अपने भारी बहुमत के साथ जीत दर्ज की है और पार्टी का दावा है कि इस बार मेयर चुनाव में भी उसका प्रदर्शन प्रभावशाली रहेगा। पार्टी ने मर्सी नगर परिषद में महिला (आरक्षित) सीट पर चुनाव लड़ने के लिए अपनी तैयारियों को लेकर आत्मविश्वास जताया है।
पार्टी प्रवक्ताओं का कहना है कि महिलाओं के हक की लड़ाई लड़ने और उन्हें सशक्त बनाने के उद्देश्य से उनकी रणनीति स्पष्ट और मजबूत है। यह देखना दिलचस्प होगा कि आगामी चुनावों में आरक्षण के आधार पर तय सीटों का यह समीकरण राजनीतिक दलों के लिए कितना फायदेमंद साबित होता है।
इन चुनावों का परिणाम केवल नेतृत्व के स्तर पर बदलाव नहीं लाएगा, बल्कि यह प्रदेश के शहरी विकास और प्रशासन को नई दिशा भी देगा।