प्रातः कालीन सत्र ध्यान साधना को रहा समर्पित

 जहां मन को टिकाना चाहते हो, उसके प्रति आकर्षण पैदा करो- श्री सुधांशु जी महाराज 



प्रातः कालीन सत्र ध्यान साधना को रहा समर्पित


21 फरवरी 2025 गुरुग्राम। विगत कल से गुरुग्राम में चले रहे सनातन जागृति दिव्य भक्ति सत्संग के दूसरे दिवस में प्रातःकालीन सत्र ध्यान साधना को समर्पित किया गया।।


 उपस्थित साधकों एवं गुरु भक्तों को पूज्य महाराजश्री ने कहा कि जहां मन को टिकाना चाहते हो, उसके प्रति आकर्षण पैदा करो।। हमारा मन लोभ, लालच, अहंकार, मोह, स्वार्थ आदि की बातों में टिका रहता है, इसलिए स्वयं ही मन वहां जाता है।। मन केंद्रित नहीं है तो आप स्थिर नहीं हैं। जिस चीज को पाना चाहते हैं तो उसी में अपना मन टिका लें। ध्यान मन को टिकाने के लिए सर्वोत्तम साधन है।।भगवान के प्रति अपना प्रेम जागृत करना ही परमात्मा को पाना है। धन में व्यक्ति का इतना आकर्षण रहता है कि बार बार मन वहीं पर जाता है। "प्रभु की कृपा हो, हृदय में याद कीजिए, माथे पर प्रभु को याद करें और मन ही मन जाप करें, मेरे आगे पीछे दाएं और बाएं आप ही हो प्रभु"।


साधना में बैठे सभी साधकों ने पूज्य गुरुदेव से जीवन में परमात्मा को पाने और उनकी कृपा मिलने के सूत्र सीखे। ॐकार की ध्वनि से पूरा सत्संग पंडाल ॐमय हो गया। पूज्य महाराजश्री का कहना है कि सभी भक्त अपनी श्रद्धा, साधना, परमात्म भक्ति, एवं समर्पण भाव से कष्टों को निवारण करके जीवन में  एक नया उजाला प्राप्त कर सके। परमात्मा के दर पर बिताया  गया पल कभी बेकार नहीं जाता।।

 प्रातः कालीन सत्र में यजमान श्री प्रवीण शाही, विकास शाही ने परिवार सहित पूज्य महाराज श्री का आशीर्वाद प्राप्त किया।। कार्यक्रम अध्यक्ष श्री बोधराज सीकरी,विश्व जागृति मिशन गुरुग्राम मंडल प्रधान श्री नरेंद्र पाल चंडोक, कार्यकारिणी प्रधान श्री विजय ग्रोवर, धर्माचार्य हरीश उपाध्याय, श्री राजकुमार, श्री विजय अरोड़ा, श्री नरेश अग्रवाल, श्री धीरज सिंघल आदि पूरी टीम सनातन जाग्रति की लहर गुड़गांव के प्रत्येक घर तक पहुँचे- के लिए संकल्पबद्ध है।।

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